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अब कहां जाये वो बेचारी ?

रेड फाइल
रेड फाइल
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पुलिस के प्रति क्यों न कुंठा व्याप्त हो जब पुलिस विभाग में कोठी थाना प्रभारी बाराबंकी जैसे दरोगा मौजूद हों दिल्ली के दामिनी रेप कांड ने देश के आमजनों का दिल द्रवित कर डाला लेकिन शायद ये बेखबर ही रहे । घटना बाराबंकी जनपद की है यहाँ के कुम्हरावा गांव का एक दबंग युवक रवि उर्फ नंगू डिघावा गांव में रह रहे एक गरीब गुप्ता परिवार की बी ए में पढ़ रही छात्रा को अपहरित कर ले जाता है और लडकी का पीड़ित पिता जब मामले की जानकारी देने थाने पहुँचता है तो उलटे उसे ही बेइज्जत होना पड़ता है तमाम आरजू मिन्नत के बाद पुलिस छात्रा की करीब 12दिनों बाद बरामदगी तो कर लेती है लेकिन मोटी रकम लेकर अपहर्ताओं को बाइज्जत छोड भी देती है और छात्रा को थाने में ही रोक लिया जाता है ।
छात्रा के पिता दुर्गा प्रशाद गुप्ता का कहना है की काफी जद्दो जहद के बाद कोठी पुलिस ने नव फरवरी को दी गयी तहरीर को 11 फरवरी को स्वीकार किया और फिर 20 फरवरी को पुलिस रवि उर्फ नंगू के साथ लडकी को बरामद भी कर लाई । रवि के घर वाले भी चंद मिनटों बाद थाने पहुँच जाते है और फिर शुरू होती है मामले को निपटाने की बात। हजारों से शुरू होकर बात ज्यों ही लाखों तक पहुंचती है सारे नियम कानून को ताक पर लटका सुविधा शुल्क थाना प्रभारी कोठी लपक लेतें हैं और रवि उर्फ नंगू सहित उसके सभी घर वालों को छोड़ दिया जाता हैै ।
ये कहते हुये छात्रा के कु.िठत पिता दुर्गाप्रसाद गप्ता रो पडते है जो अब पुलिस महानिदेशक से फरियाद कर न्याय के लिए प्रदेश की राजधानी में भटक रहे है । उनका कहना है की बीते आठ फरवरी को उसकी लडकी को जो की सरदार पटेल महिला महाविद्यालय में बी ए में शिक्षारत थी को कुम्हरावा के रवि उर्फ नंगू के द्वारा अपहृत कर लिया गया जब उन्होनेे काफी भाग दौड़ की तो कोठी थाना पुलिस ने 20 फरवरी को दबिस देकर रवि उर्फ नंगू व उसके परिवारीजनो को कुम्हरावा गांव में धरदबोचा और उसे व उसके परिवारीजनो सहित अपहृत छात्रा को भी थाने ले आये । इसी बीच दबंग रवि उर्फ नंगू के कुछ रिश्तेदार भी कोठी थाना पुलिस के पास आ धमके और मामला रफा दफा करने की गुफ्तगू थाना प्रभारी कोठी श्री दुबे से शुरू कर दी लाखों की बात आते ही रवि उर्फ नंगू को छोड़ देने की थाना प्रभारी ने हरी झंडी दे दी और कुछ समय बाद अपहर्ता रवि और उसके साथ लाये गये परिवार के सभी लोगों को छोड़ दिया गया और छात्रा थाने में ही रोक लिया गया । उसे थानाप्रभारी द्वारा मोबाइल से सूचना देकर फटकार लगाई गयी कि तेरी लडकी थाने में है आकर ले जा । वह बताते हैं कि अपनी पत्नी को साथ लेकर जब वह थाने पहुँचा तो वहां उससे थानाध्यक्ष महोदय गाली गलौज करते हुए बोले की खुद लडकी को डाटता फटकारता है और अपहरण हो जाने का नाटक करता है चल दीवान जी जो लिखायें लिख के दस्तखत कर और लडकी को ले जा । वह बताते है कि इस तरह के अन्याय की वो कल्पना भी नहीं किये थे थानेदार की इस कार्यवाही से वो बेहद दुखी हुये तथा बोले के जब आपने मुलजिमों को थाने लाकर छोड़ दिया बगैर चिकित्षा कराये और कोई कार्यवाही ही नही की तो अब मै भी लडकी को इस हाल में नहीं ले जाऊँगा और वह घर लौट आया । लडकी को कहाँ और किस हाल में पुलिस रख रही है उसे इसका भी पता नहीं है अब वह अधिकारीयों व जनप्रतिनिधियों से न्याय की गुहार लगाता धूम रहा है वहीं दूसरी तरफ जब इस मामले की जानकारी कोठी थाना प्रभारी से टेलीफोन करके चाही गयी तो उन्होंने किसी की गिरफ्तारी करने की बात को सिरे से खारिज करते हुए लडकी को स्यामा अस्पताल के पास मिलने की बात कहते हुए और कुछ भी बताने से मना कर दिया । कोठी थाना प्रभारी के इस कृत्य से क्षेत्र के लोग हतप्रभ ही नहीं हैं बल्कि काफी आक्रोशित भी है और लडकी का पिता व उसके परिवारी जन भी काफी आहत हैं । छात्रा के पिता ने प्रदेष के मुख्यमंत्री प्रमुख गृहसचिव सहित पुलिस महानिदेषक को षिकयती पत्र देकर न्याय की गुहार लगाते हुये कोठी थाना प्रभारी के खिलॉफ आवष्यक कार्यवाही करने की मांग की है समाचार लिखे जाने तक लडकी को कहाँ और किस हाल में पुलिस रख रही है ये पता नही चल सका है ।

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